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ताडोबा अंधारी राष्ट्रीय उद्यान भारत में महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ प्रदेश के चंद्रपुर जिले में एक वन्यजीव अभयारण्य है । यह महाराष्ट्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है । 1955 में बनाए गए इस रिज़र्व में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान और अंधारी वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। रिजर्व में 577.96 वर्ग किलोमीटर (223.15 वर्ग मील) आरक्षित वन और 32.51 वर्ग किलोमीटर (12.55 वर्ग मील) संरक्षित वन शामिल हैं।
महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जिसे Tadoba National Park के नाम से सर्वश्रेष्ठ है । यह राज्य का एक प्रमुख पर्यटक स्थल माना जाता है। जो भारत के सर्वश्रेष्ठ संरक्षित टाइगर रिजर्व में से एक है जिसमे राज्य के सबसे अधिक बाघ संरक्षित हैं। ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के छुटटीयों पर जाने के लिए अच्छा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, प्राकृतिक सुन्दरता और वन्य जीवो के साथ साथ यह पार्क ताडोबा तलाब, ईरई बांध और बटरफलॉय गॉर्डन के लिए भी प्रसिद्ध है,जो ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान के आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और हर साल लाखों पर्यटकों और प्राणि प्रेमि को आकर्षित करते है । तो आइये इस में हम ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान की पुर्णतहा जानकारी लेते है ।
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ताडोबा का इतिहास :-
तारू एक ग्राम प्रधान था जो एक बाघ के साथ एक पौराणिक मुठभेड़ में मारा गया था। तारू को देवता घोषित कर दिया गया और असकी याद में तारु को समर्पित एक मंदिर अब ताडोबा झील के किनारे एक बड़े पेड़ के नीचे मौजूद है। मंदिर में आदिवासियों का आना-जाना लगा रहता है, खासकर पौष (दिसंबर-जनवरी) के हिंदू महीने में हर साल आयोजित होने वाले मेले के दौरान ।गाईड हमें यह मंदिर के पास अवश्य लेके जाते है ।
चिमूर पहाड़ियों के आसपास के इन जंगलों पर कभी गोंड राजाओं का शासन रहा करता था । 1935 में शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दो दशक बाद, 1955 में, इस वन क्षेत्र के 116.54 वर्ग किलोमीटर (45.00 वर्ग मील) को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था । अंधारी वन्यजीव अभयारण्य 1986 में निकटवर्ती जंगलों में बनाया गया था। 1995 में, वर्तमान बाघ अभयारण्य की स्थापना के लिए पार्क और अभयारण्य को मिला दिया गया था। ताडोबा का भूगोल- ताडोबा राष्टीय उद्यान एक बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है । रिज़र्व का कुल क्षेत्रफल 625.4 वर्ग किलोमीटर (241.5 वर्ग मील) है। इसमें 116.55 वर्ग किलोमीटर (45.00 वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान और 508.85 वर्ग किलोमीटर (196.47 वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला अंधारी वन्यजीव अभयारण्य शामिल है। रिजर्व में 32.51 वर्ग किलोमीटर (12.55 वर्ग मील) संरक्षित वन और 14.93 वर्ग किलोमीटर (5.76 वर्ग मील) अवर्गीकृत भूमि भी शामिल है।
ताडोबा के वन्यजिव-
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ताडोबा राष्टीय उद्यान लगभग 88 बाघों (2018 बाघ जनगणना के अनुसार) और भारतीय तेंदुए, भालू, गौर, नीलगाय, ढोले, धारीदार हाइना, छोटे भारतीय केवेट, जंगली बिल्लियाँ, सांभर, हिरण, बार्किंग हिरण, चीतल सुंदर सुंदर मोर जैसे कई अन्य प्राणियों का निवास है।वन्य जीवो के साथ साथ ताडोबा में पक्षियों की लगभग 195 प्रजातियां, तितलियों की 74 प्रजातियां देखी जा सकती है। इनके अलावा तलाब में दलदली मगरमच्छ, भारतीय अजगर सहित विभिन्न प्रकार के सरीसृपों का निवास भी है।
ताडोबा जिप्सी सफारी
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ताडोबा जिप्सी सफारी ताडोबा राष्टीय उद्यान का मुख्य आकर्षण एक खुली जिप्सी में पुरे जंगल की सफारी करणा है। इसीलिए आप जब भी ताडोबा टाइगर रिजर्व घूमने जायें तो जीप सफारी या एलिफेंट सफारी को खुप सैर करें। ताडोबा में सफारी करना आपके लिए सबसे रोमांचक अनुभव में से एक हो सकता है, जिसमें आपको टाइगर, भालु, हिरण, सांभर, केवेट, बंदर व कुछ दुर्लभ वन्यजीव प्राणियों का दर्शन का मौका मिलता है। सफारी करते वक्त अपने साथ एक गाईड होता है। जो हमें जंगल के बारे में पुर्णतहा मार्गदर्शन करता है। जंगल सफारी में वन्य जीवो के साथ साथ आप यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता को महसूस कर सकते है, और उद्यान के दृश्यों की फोटोग्राफी ,विडीओ कर सकते है और सुदंर सुंदर अपनी सेल्फी लेकर यह आपकी ट्रिप को रोमांचक और यादगर बना देंगे।
ताडोबा राष्टीय उद्यान का समय – ताडोबा राष्टीय उद्यान 15 ऑक्टोंबर से 30 जुन तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। सर्दियो के मोसम में ताडोबा की यात्रा करणा एक सुखद अनुभव होता है।हालाकी बाघों को देखने का अच्छा मोसम गर्मीयों का होता है। अप्रेल ,मे महिणा में जादा से जादा बाघ दिखते है।ताडोबा राष्टीय उद्यान मे जंगल की सफारी की टायमिंग सुबह 6.00 बजे से सुबह 10.00 बजे तकदोपहर 3.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक होता है।
ताडोबा राष्टीय उद्यान में रुकने के लिए जगहें –
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ताडोबा में सभी प्रकार के होटल्स उपलब्ध हैं, जिनका आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार सिलेक्सन कर सकते है। चंदपुर में भी आप रुक सकते है। फॉरेस्ट के भी रेस्ट हाउस उपलब्ध है। इनमे से कुछ इसप्रकार है
Ø आगरझरी हॉटेल
Ø मयुर हॉटेल
Ø सिदार्थ हॉटेल
Ø सवासरा जंगल लॉज
Ø ताडोबा टाइगर रिसोर्ट
Ø आनंद होमस्टे
Ø सैंक्चुरी तडोबा रिसॉर्ट
ताडोबा राष्टीय उद्यान पहुंचेनें के मार्ग –
यदि आप ताडोबा राष्टीय उद्यान जाने के लिए विमान से जाना चाहते है, तो ताडोबा राष्टीय उद्यान का निकटतम एयरपोर्ट नागपुर में है जो डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर आंतराष्टी्य हवाईअडडा से प्रचलित है और वह ताडोबा से 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़े है और यहाँ दैनिक रूप से भी बिभिन्न उड़ाने भी संचालित की जाती है। डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर आंतराष्टी्य हवाईअडडा पर उतरने के बाद, ताडोबा राष्टीय उद्यान पहुंचने के लिए आप बस, केब या एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
आप ट्रेन से आना चाहते है तो ताडोबा राष्टीय उद्यान का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चंद्रपुर में है, जो ताडोबा टाइगर रिजर्व से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद आप बस या एक टैक्सी से ताडोबा राष्टीय उद्यान पहुच सकते है। मोहर्ली गेट से आप ताडोबा राष्टीय उद्यान में प्रवेश कर सकते है ।
यदि आप सड़क मार्ग या बस से ट्रेवल करके ताडोबा राष्टीय उद्यान जाना चाहते है, तो महाराष्ट्र के कुछ शहरों और कस्बों से इन स्थानों के लिए एक अच्छी बस सेवा उपलब्ध है, जिनसे प्रवास करके आप आसानी से चंद्रपुर बस स्टेण्ड पहुच सकते है। बस स्टेण्ड पर उतरने के बाद ताडोबा राष्टीय उद्यान पहुचने के लिए आप स्थानीय परिवहनो की मदद ले सकते है।
ताडोबा सफारी बुकींग –
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान मे सफारी करने के लिए Online बुकींग कर सकते है । ताडोबा वन प्रशासन व्दारा सफारी बुकींग के लिए www.mytadoba.mahaforest.gov.in ये नयी वेबसाईट 23 सप्टेंबर 2023 से शुरु की जा चूकी है । सफारी बुकींग करते समय या वेबसाईट के बारे मे यदि कोई समस्या पाई जाती है, तो हेल्पलाईन क्र. 9579160778 इस नंबर पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क कर सकते है ।
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान सफारी करणे के महत्वपुर्ण क्षेत्र. 1
1.(MOHARLI GATE) मोहरली सफारी.. 1
(MOHARLI GATE) मोहरली सफारी जोन:
- MOHARLI GATE TIGER स्पॉटिंग के लिए सबसे प्रसिद्ध पर्यटन है, जहॉ जादा से जादा टायगर यह इस जोन में है। खुली जीप सफारी टीएटीआर के वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का पता लगाने के लिए सबसे व्यवहार्य विकल्प है। जीप सफारी की सवारी पार्क के घने जंगल वाले क्षेत्र से होकर गुजरती है जहां अन्य जानवरों के साथ बाघों की दुर्लभ जंगली प्रजातियों को देखने की संभावना बढ़ जाती है।जैसे BLAK TIGER यहॉ देख सकते हेा यहाँ जादा से जादा टुरिस्ट यही गेट से आते है । यह चंद्रपुर से बेहद नजदिक का गेट है ।
कोलारा गेट भी अपनी विशिष्ट स्थलाकृति और जंगली जानवरों की दुर्लभ प्रजातियों को देखने की अधिक संभावना के लिए बेहद पसंद किया जाता है । इस क्षेत्र में संभावित प्रवेश मदनापुर, शिरखेड़ा, अलीज़ांज़ा और बेलारा गेट के माध्यम से हैं। यहाँ भी पर्यटक की संख्या जादा होती है ।यह गेट कोर जोन में आता है ।
ताडोबा नेशनल पार्क के शीर्ष तीन कोर ज़ोन में, खुटवंडा सफारी ज़ोन उनमें से एक है, जो मोहरली गेट के बहुत करीब स्थित है और जिल्हा नागपुर और चंद्रपुर से आसानी से यहाँ पहुंचा जा सकता है। यह वनस्पतियों और जीवों की सुंदरता और इसके चारों ओर एक वन्यजीव रिसॉर्ट से घिरा हुआ है।यह एक खुबसुरत पर्यटन स्थल है ।
ताडोबा नेशनल पार्क में सबसे अच्छा कोर गेट होने के नाते, यह नागपुर से सिर्फ 140 किमी दूर है। टाइगर सफारी के लिए हर सुबह और शाम छह वाहनों के दैनिक परमिट के साथ। यह लगभग 60% पक्षी प्रजातियों का घर है जो पूरे महाराष्ट्र में पाए जाते हैं।
अजयपुर के पास झरी गाव से झरी गेट आता है। राष्ट्रीय उद्यान के अच्छे और अंतिम दृश्य दृश्य की पेशकश करते हुए, झरी सफारी ज़ोन का अपना अनूठा आकर्षण है और आवश्यक सुविधाओं और अन्य ऐसे योगदानों के साथ आस-पास रहने जैसे विभिन्न योगदान हैं। इसके अलावा, जरी गेट से सफारी बुक करना आपको ताडोबा में पर्यटन क्षेत्रों के कोर और मध्य क्षेत्रों के माध्यम से घुमाएगा।यह गेट भी खुब प्रसिध्द है।लेकीण यहाँ जादा जिप्सी उपबब्ध नही होती है।
इस झोन के माध्यम से कोलसा रेंज सुबह और दोपहर की सफारी के लिए केवल दो जीपों के परमिट के साथ पंगाड़ी गेट से ही पहुंचा जा सकता है।